तबस्सुम को ना कभी शिकायत काटों की ज़रूरी नहीं हर खत को लिफाफों की, हर रात रोशन आसमा तबस्सुम को ना कभी शिकायत काटों की ज़रूरी नहीं हर खत को लिफाफों की, हर ...
जो कुछ तुमको नहीं पसंद था वो सब हमने छोड़ दिया है।। जो कुछ तुमको नहीं पसंद था वो सब हमने छोड़ दिया है।।
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।
कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...
माँ माँ